यज्ञीय वृक्ष
सनातन संस्कृति
यज्ञीय देश में यज्ञीय वृक्ष लगाएं और यज्ञीय वातावरण बनाएं।
यज्ञ का भैषजिय गुण वातावरण शुद्ध करता है । यज्ञिय वृक्ष से जो हवाए चलती है वे औषधिय गुणों युक्त शुद्ध होती है जो हमारे स्वस्थ को उत्तम लाभ देती है।
इनकी जड़ो से जो जल निकलता है वह भी औषधिय गुणों युक्त होता है । जिससे तालाब कुओ का जल शुद्ध होता है । आज प्रदूषित पर्यावरण के कारण ठीक से सांस नहीं ले पा रहे है । सांसो मे जहरीली हवाएं जा रही है ऑक्सीजन की कमी हो रही है
इस धरती पर ऑक्सीजन की कमी से कई प्रकार की विकृति पैदा हो रही है शरीर का मेटाबोलिज्म डिस्टर्ब हो रहा है। शारीरिक व् मानसिक व्याधिया हो रही है ।
अत: यज्ञीय देश मे धुप यज्ञ हवन अग्निहोत्र सामग्री की उपलब्धता बानी रहे इसलिए यज्ञीय वृक्ष लगाएं एवम देश में ऐसा प्रदूषणरहित वातावरण जो हमे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ दे बनाएं साथ ही हमारी संस्कृति सभ्यता को पुर्नजीवित करें क्योंकि बाजार मे यज्ञ सामग्री के नाम पर कचरा बिक रहा है धूप के नाम पर कैमिकल अगरबत्ती बिक रही है जिससे पर्यावरण स्वस्थ बिगड़ रहा है शुद्ध सामग्री बिना यज्ञ संभव नहीं है अतः यज्ञ के लिए वृक्ष वनस्पतियां लगाए।